A REVIEW OF SHIV CHAISA

A Review Of Shiv chaisa

A Review Of Shiv chaisa

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सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥ ॐ जय शिव…॥

दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने प्राचीन हनुमान मंदिर में पूजा किया

नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥

कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥

देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥

ध्यान पूर्वक होम करावे ॥ त्रयोदशी व्रत करै हमेशा ।

O Common Lord, each and every morning to be a rule I recite this Chalisa with devotion. Please bless me to ensure I may be able to carry out my materials and spiritual desires.

धन निर्धन को देत सदाहीं। जो कोई जांचे वो फल पाहीं॥

O Lord! I beseech Your enable and search for your divine blessing at this extremely moment. shiv chalisa lyricsl Preserve and defend me. Destroy my enemies with all your Trishul. Launch me through the torture of evil feelings.

अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥

कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर। भए प्रसन्न दिए इच्छित वर॥

मुण्डमाल तन क्षार लगाए ॥ वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे ।

अर्थ: हे अनंत एवं नष्ट न होने वाले अविनाशी भगवान भोलेनाथ, सब पर कृपा करने वाले, सबके घट में वास करने वाले शिव शंभू, आपकी जय हो। हे प्रभु काम, क्रोध, मोह, लोभ, अंहकार जैसे तमाम दुष्ट मुझे सताते रहते हैं। इन्होंनें मुझे भ्रम में डाल दिया है, जिससे मुझे शांति नहीं मिल पाती। हे स्वामी, इस विनाशकारी स्थिति से मुझे उभार लो यही उचित अवसर। अर्थात जब मैं इस समय आपकी शरण में हूं, मुझे अपनी भक्ति में लीन कर मुझे मोहमाया से मुक्ति दिलाओ, सांसारिक कष्टों से उभारों। अपने त्रिशुल से इन तमाम दुष्टों का नाश कर दो। हे भोलेनाथ, आकर मुझे इन कष्टों से मुक्ति दिलाओ।

शिव आरती

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